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Maa Kamala Sadhana Vidhi : महाविद्या माँ कमला देवी साधना कैसे करें

Maa Kamala Sadhana Vidhi
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Maa Kamala Sadhana Vidhi : महाविद्या माँ कमला देवी साधना कैसे करें आज हम आपको कमला साधना विधि के बारे में बताने जा रहे हैं। यह तो आप सब जानते है की दस महाविद्याओं में दसवें स्थान पर कमला साधना मानी जाती हैं। इस साधना को करने से के बाद साधक के जीवन में बहुत ही समस्याओं का स्वयं ही निवारण हो जाता हैं। हमारे द्वारा बताये जा रहे माँ कमला साधना को जानकर आप भी महाविद्या कमला साधना पूरी कर सकते हैं।

Maa Kamala Sadhana कब करें

महाविद्या कमला साधना को करने के लिए साधक की समस्त सामग्री में विशेष रूप से सिद्धि युक्त होनी चाहिये। यदि ऐसा नही हुई तो आप यह साधन नही कर सकोंगे। महाविद्या कमला साधना के साधक को सिद्ध प्राण प्रतिष्ठित “कमला यंत्र”, “मुंगे की माला” ये चीजें होनी चाहिये। महाविद्या कमला साधना आप नवरात्रि या किसी भी शुक्ल पक्ष के शुक्रवार के दिन से शुरू कर सकते हैं। कमला साधना का समय रात्रि 9 बजे के बाद कर सकते हैं। 

Mahavidya Kamala Sadhana करने की विधि

महाविद्या कमला साधना वाले साधक को स्नान करके शुद्ध लाल वस्त्र धारण करके अपने घर में किसी एकान्त स्थान या पूजा कक्ष में पूर्व दिशा की तरफ़ मुख करके लाल ऊनी आसन पर बैठ जाए। उसके बाद अपने सामने चौकी रखकर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर ताम्र पत्र की प्लेट में एक कमल का पुष्प रखें उसके बाद उस पुष्प के बीच में सिद्ध प्राण प्रतिष्ठा युक्त “कमला यंत्र” को स्थापित करें। और उसके दाहिनी तरफ भगवान शिव जी और अपने गुरु की फोटो स्थापित करें। उसके बाद यन्त्र के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाकर यंत्र का पूजन करें और मन्त्र विधान अनुसार संकल्प आदि कर सीधे हाथ में जल लेकर विनियोग पढ़े:

ॐ अस्य श्रीमहालक्ष्मी मन्त्रस्य भृगु ऋषि: निच्रच्छन्द: श्रीमहालक्ष्मी र्देवता श्रीं बीजं ह्रीं शक्ति: ऐं कीलकं श्रीमहालक्ष्मी प्रीत्यर्थे जपे विनियोग:।।

ऋष्यादि न्यास : बाएँ हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ की समूहबद्ध, पांचों उंगलियों से नीचे दिए गये निम्न मंत्रो का उच्चारण करते हुए अपने भिन्न भिन्न अंगों को स्पर्श करते हुए ऐसी भावना मन में रखें कि वे सभी अंग तेजस्वी और पवित्र होते जा रहे हैं। ऐसा करने से आपके अंग शक्तिशाली बनेंगे और आपमें चेतना प्राप्त होती है। कमला साधना मंत्र:

भृगुऋषये नम: शिरसि (सर को स्पर्श करें)

निच्रच्छ्न्दसे नम: मुखे (मुख को स्पर्श करें)

श्रीमहालक्ष्मीदेवतायै नम: ह्रदये (ह्रदय को स्पर्श करें)

श्रीं बीजाय नम: गुहे (गुप्तांग को स्पर्श करें)

ह्रीं शक्तये नम: पादयो: (दोनों पैरों को स्पर्श करें)

ऐं कीलकाय नम: नाभौ (नाभि को स्पर्श करें)

विनियोगाय नम: सर्वांगे (पूरे शरीर को स्पर्श करें)

कर न्यास:  अपने दोनों हाथों के अंगूठे से अपने हाथ की विभिन्न उंगलियों को स्पर्श करें, ऐसा करने से उंगलियों में चेतना प्राप्त होती है ।

श्रां अंगुष्ठाभ्यां नम:।

श्रीं तर्जनीभ्यां नम:।

श्रूं मध्यमाभ्यां नम:।

श्रैं अनामिकाभ्यां नम:।

श्रौं कनिष्ठिकाभ्यां नम:।

श्र: करतलकरपृष्ठाभ्यां नम:।

ह्र्दयादि न्यास : पुन: बाएँ हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ की समूहबद्ध, पांचों उंगलियों से नीचे दिए गये निम्न मंत्रों के साथ शरीर के विभिन्न अंगों को स्पर्श करते हुए ऐसी भावना मन में रखें कि वे सभी अंग तेजस्वी और पवित्र होते जा रहे हैं। ऐसा करने से आपके अंग शक्तिशाली बनेंगे और आपमें चेतना प्राप्त होती है। कमला साधना मंत्र :

श्रां ह्रदयाय नम: (ह्रदय को स्पर्श करें)

श्रीं शिरसे स्वाहा (सर को स्पर्श करें)

श्रूं शिखायै वषट् (शिखा को स्पर्श करें)

श्रैं कवचाय हुम् (दोनों कंधों को स्पर्श करें)

श्रौं नेत्रत्रयाय वौषट् (दोनों नेत्रों को स्पर्श करें)

श्र: अस्त्राय फट् (अपने सर पर सीधा घुमाकर चारों दिशाओं में चुटकी बजाएं)

कमला ध्यान : इसके बाद दोनों हाथ जोड़कर माँ भगवती कमला का ध्यान करके, कमला माँ का पूजन करे धुप, दीप, चावल, पुष्प से तदनन्तर कमला महाविद्या मन्त्र का जाप करें।

कान्त्या कांचन सन्निभां हिमगिरी प्रख्यैश्चतुर्भिर्ग्गजै: ।

हस्तोत्क्षिप्त हिरण्मयामृतघटै  रासिच्यमानां  श्रियम् ॥

बिभ्राणां वरमब्ज  युग्ममभयं  हस्ते  किरीटोज्ज्वम् ।

क्षौमाबद्धनितम्बबिम्बलसितां  वन्देरविन्द  स्थिताम ॥

ऊपर दिया गया पूजन सम्पन्न करके सिद्ध प्राण प्रतिष्ठित “मूंगा की माला” की माला से नीचे दिए गये मंत्र की 23 माला 11 दिनों तक जप करें। और मंत्र उच्चारण करने के बाद कमला कवच का पाठ करें।

Mahavidya Kamala Sadhana सिद्धि मन्त्र

॥  ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं ह्सौ: जगत्प्रसूत्यै नम: ॥

मंत्र उच्चारण करने के कमला कवच पढ़ें, दी गई यह महाविद्या कमला साधना ग्यारह दिनों की साधना है। कमला साधना करते समय साधक पूर्ण आस्था के साथ नियमों का पालन जरुर करें और नित्य जाप करने से पहले ऊपर दी गई संक्षिप्त पूजन विधि जरुर करें। साधक कमला साधना करने की जानकारी गुप्त रखें। ग्यारह दिनों के बाद मन्त्रों का जाप करने के बाद दिए गये मन्त्र जिसका आपने जाप किया हैं उस मन्त्र का दशांश (10% भाग) हवन अवश्य करें।

हवन में कमल गट्टे, लाल पुष्प, शुद्ध घी व् हवन सामग्री को मिलाकर आहुति दें। हवन के बाद कमला यंत्र को एक साल के लिए वही रख दें जंहा आपने साधना की हैं, और बाकि बची हुई पूजा सामग्री को नदी या किसी पीपल के नीचे विसर्जन कर आयें। ऐसा करने से साधक की कमला साधना पूर्ण हो जाती हैं। और साधक के ऊपर माँ कमला देवी की कृपा सदैव बनी रही हैं। कमला साधना करने से साधक के जीवन में धन, धान्य, भूमि, वाहन, लक्ष्मी आदि की प्राप्ति होती है। धन से जुडी सारी समस्या समाप्त हो जाएगी।

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