Mangla Gauri Mantra for a Blessed Married Life Lyrics (with Meaning & Benefits) मंगला गौरी मंत्र: जाप विधि, अर्थ और अचूक लाभ मंगला गौरी मंत्र जप को पढ़ने से महिलाओं की कुण्डली में वैवाहिक सुख में कमी या विवाह के बाद अलगाव, मांगलिक दोष, दांम्पत्य जीवन में परेशानी आदि अशुभ योग़ कुंडली में शांति मिलती हैं। हम इस पोस्ट में आपको माँ मंगला गौरी मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं।
Mangla Gauri Mantras for Sawan Tuesdays (with How to Chant Guide) | Mangla Gauri Mantra PDF Download
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माँ मंगला गौरी मंत्र विधि: How to Chant Mangla Gauri Mantra
दिए गये माँ मंगला गौरी मंत्र को 11, 21, 51, 108 बार या अपनी श्रध्दा के अनुसार जाप करने से लाभ प्राप्त होता हैं।
मंत्र: सर्वमंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके. शरणनेताम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते..
Mangla Gauri Mantra for Suhag & Vrat – मंगला गौरी के शक्तिशाली मंत्र और उनके लाभ
मंत्र: ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा।।
विनियोग : अस्य श्री मंगला गौरि मन्त्रस्य अजऋषिः गायत्री छन्दः श्री मंगलागौरि देवता ह्रीं बीजं स्वाहा शक्तिः ममाभीष्टं सिद्धये जपे विनियोगः।
ऋष्यादि न्यास – अजाय ऋषये नमः,शिरसि। – गायत्री छन्दसे नमः, मुखे। – मंगला गौरि देवतायै नमः, हृदि। – ह्रीं बीजाय नमः, गुह्ये। -स्वाहा शक्तये नमः, पादयोः।
करन्यास – अंगुष्ठाभ्यां नमः। ह्रीं तर्जनीभ्यां नमः। मंगले गौरि मध्यमाभ्यां नमः। विवाहबाधां अनामिकाभ्यां नमः। नाशय कनिष्ठिकाभ्यां नमः। स्वाहा करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः।
अंगन्यास – हृदयाय नमः। ह्रीं शिरसे स्वाहा। मंगले गौरि शिखायै वषट्। विवाह बाधां कवचाय हुम्। नाशय नेत्रत्रयाय वौषट्। स्वाहा अस्त्राय फट्।
ध्यान: गीर्वाणसंधार्चितपाद पंकजारूण् प्रभा बाल शशांक शेखरा। रक्ताम्बरा लेपन पुष्पयुंग मुदे सृणिं सपाशं दधतीं शिवास्तु नः।।
पूजन यंत्र अनुष्ठान विधि : नित्य कर्मों से निवृत्त होकर आचमन एवं मार्जन कर चैकी या पटरे पर पीला कपड़ा बिछाकर उस पर अष्ट गंध एवं चमेली की कलम से भोजपत्र पर लिखित श्री मंगला गौरी पूजन यंत्र स्थापित कर विधिवत विनियोग, न्यास एवं ध्यान कर पंचोपचार (रोली, चावल, फूल, धूप एवं दीप) से उस पर श्री मंगला गौरी का पूजन कर उक्त माँ मंगला गौरी मंत्र का जप करना चाहिए।
Mangla Gauri Vrat Katha : Mangala Gauri Vrat Story : मंगला गौरी व्रत कथा
Mangla Gauri Vrat Puja Vidhi : Mangla Gauri Vrat Udyapan Vidhi : मंगला गौरी व्रत पूजा विधि
Mangla Gauri Stotram : Mangala Gauri Stotra : मंगला गौरी स्तोत्र
Mangla Gauri Stuti : Mangala Gauri Stuti : मंगला गौरी स्तुति
Mangla Gauri Ki Aarti : Maa Mangala Gauri Aarti : मंगला गौरी की आरती
माँ मंगला गौरी मंत्र जप संख्या 64,000, मतांतर से 1,25,000 अनुष्ठान के नियम नित्य कर्मों के बाद आसन पर पूर्वाभिमुख या उत्तराभिमुख बैठकर चंदन/टीका लगाकर प्रसन्न भाव से अनुष्ठान करना चाहिए। विश्वासपूर्वक विनियोग, श्रद्धापूर्वक पूजन एवं मनोयोगपूर्वक जप करने से अनुष्ठान सफल होता है। सूर्योदय से एक प्रहर (तीन घंटे) का समय उत्तम तथा मध्याह्न का समय मध्यम होता है। रात्रि में यह अनुष्ठान नहीं करना चाहिए। अनुष्ठान के दिनों में शुद्ध, सात्विक मानसिक और शारीरिक रूप से होना चाहिए।

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