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Shiv Puja Vidhi : Shiva Puja Kaise Kare : शिव पूजा कैसे करें जानें इसकी पूरी विधि

Shiv Puja Vidhi : शिव पूजा कैसे करें जानें इसकी पूरी विधि आज हम आपको शिव पूजा कैसे करें इसके बारे में बताने जा रहे हैं। बताई जा रही भगवान शिव जी की पूजा आप सावन, सोमवार या किसी विशेष दिन भी कर सकते हैं हमने इस पोस्ट के माध्यम से भगवान शिव की पूजा करते हुए किस सामग्री का प्रयोग, संकल्प लेने की विधि और शिव पूजा करने की सरल विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।

भगवान शिव पूजा विधि || Bhagwan Shiv Puja Vidhi

Shiv Puja Vidhi
Shiv Puja Vidhi

भगवान शिव पूजा सामग्री

Shiv Puja Vidhi : के लिए देव मूर्ति या शिवलिंग के स्नान के लिए तांबे का पात्र, तांबे का लोटा से भरा जल, दूध, अर्पित किए जाने वाले वस्त्र , चावल, अष्टगंध, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, चंदन, धतूरा, आक के फूल, बिल्वपत्र जनेऊ, फल, दूध, मिठाई, नारियल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद व शक्कर), सूखे मेवे, पान, दक्षिणा आदि।

भगवान शिव पूजा संकल्प विधि

Shiv Puja Vidhi : शुरू करने से पहले सकंल्प लें। संकल्प करने से पहले हाथों मेे जल, फूल व चावल लें। सकंल्प में जिस दिन पूजन कर रहे हैं उस वर्ष, उस वार, तिथि उस जगह और अपने नाम को लेकर अपनी इच्छा बोलें। अब हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें।

भगवान शिव पूजा के लिए संकल्प कैसे लें 

जैसे 28/ 07 / 2018 को भगवान श्री शिव का पूजन ( Bhagwan Shiv Ki Puja ) किया जाना है । तो इस प्रकार संकल्प लें । मैं ( अपना नाम बोलें ) विक्रम संवत् 2075 को, सावन मास के प्रतिपदा तिथि को शनिवार के दिन, श्रवण नक्षत्र में, भारत देश के राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में इस मनोकामना से ( मनोकामना बोलें ) भगवान श्री शिव का पूजन कर रही / रहा हूं ।

भगवान शिव की पूजा करने की विधि

सर्वप्रथम भगवान श्री गणेश जी पूजन करें। भगवान श्री गणेश को स्नान कराएं। वस्त्र अर्पित करें। गंध, पुष्प, अक्षत अर्पित करें। अब भगवान शिव जी या शिवलिंग का पूजन शुरु करें। गृहस्थ जीवन में भगवान शिव की पारद प्रतिमा का पूजन सर्वश्रेष्ठ कहा गया है। सफेद आक या स्फटिक की प्रतिमा का पूजन से भी उत्तम फल की प्राप्ति होती है।

भगवान शिव को स्नान कराएं । स्नान पहले शुद्ध जल से फिर पंचामृत से और वापिस जल से स्नान कराएं। अब भगवान शिव जी को वस्त्र पहनाएं। वस्त्रों के बाद आभूषण और फिर यज्ञोपवित (जनेऊ) पहनाएं। अब पुष्पमाला पहनाएं। सुगंधित इत्र अर्पित करें। अब तिलक करें। तिलक के लिए अष्टगंध या चंदन का प्रयोग करें। अब धूप व दीप अर्पित करें। भगवान शिव को धतूरा, आक के फूल विशेष प्रिय है। बिल्वपत्र अर्पित करें। 11 या 21 अखंडित चावल अर्पित करें। श्रद्धानुसार घी या तेल का दीपक और धूपबत्ती लगाएं। और भगवान शिव जी की आरती करें। आरती के पश्चात् आधी परिक्रमा करें। अब नेवैद्य अर्पित करें।

भगवान शिव के पूजन के समय ‘‘ऊँ नमः शिवाय’’ का जप मन में करते रहें। यदि आप पूजा अपने घर पर कर रहे हो तो भगवान शिव जी अपने पूजा घर में स्थान दें। मूर्ति में भगवान शिव का आवाहन करें। आवाहन यानी कि बुलाना। भगवान शिव को अपने घर बुलाएं। भगवान शिव को अपने घर में सम्मान सहित स्थान देें। यानी कि आसन दें। बताई गई Bhagwan Shiv Puja Vidhi से पूजा करें।

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