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Mangla Gauri Mantra for Akhand Saubhagya: Jaap Vidhi, Meaning & Benefits | मंगला गौरी मंत्र 2025: जानें जाप की सही विधि, अर्थ और अखंड सौभाग्य के लाभ

मंगला गौरी मंत्र 2025: जानें जाप की सही विधि, अर्थ और अखंड सौभाग्य के लाभ Mangla Gauri Mantra for Akhand Saubhagya: Jaap Vidhi, Meaning & Benefits मंगला गौरी मंत्र जप को पढ़ने से महिलाओं की कुण्डली में वैवाहिक सुख में कमी या विवाह के बाद अलगाव, मांगलिक दोष, दांम्पत्य जीवन में परेशानी आदि अशुभ योग़ कुंडली में शांति मिलती हैं। हम इस पोस्ट में आपको माँ मंगला गौरी मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं।

यह हैं मंगला गौरी के शक्तिशाली मंत्र, पति की लंबी आयु का मिलेगा वरदान | Mangla Gauri Mantra Lyrics In Hindi: Jane Sahi Jaap Vidhi aur Chamatkari Fayde

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Mangla Gauri Mantra Lyrics & PDF Download
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माँ मंगला गौरी मंत्र विधि: Mangla Gauri Mantra Chanting Method, Rules & Time

✳️ विशेषकर श्रावण मास के मंगलवार को या फिर किसी भी महीने के मंगलवार या शुक्रवार को यह मंत्र जाप शुरू कर सकते हैं।

✳️ प्रातः या संध्या में स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।

✳️ अपने घर के मंदिर या चौकी पर माता गौरी या पार्वती की तस्वीर या फोटो स्थापित करें।

✳️ उनके सामने शुद्ध घी का दीपक जलाकर और उन्हें लाल या पीले फूल, सिन्दूर एवं नैवेद्य आदि अर्पित करें।

✳️ इसके बाद रुद्राक्ष या स्फटिक या कमलगट्टा माला से दिए गये माँ मंगला गौरी मंत्र को 11, 21, 51, 108 बार या अपनी श्रध्दा के अनुसार जाप करें।

🕉️ रुद्राक्ष या स्फटिक या कमलगट्टा की माला यहां से खरीदें: यहां क्लिक करें

✳️ जाप पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करें।

मंगला गौरी मंत्र (PDF Download) | Mangla Gauri Mantra in Hindi

🕉️ मंत्र: ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा।।

🕉️ मंत्र: सर्वमंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके. शरणनेताम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते..

🕉️ मंत्र: ॐ मंगलागौरी देव्यै नमः (Om Mangalagauri Devyai Namah)

🕉️ मंत्र: ॐ ह्रीं गौर्यै नमः (Om Hreem Gauryai Namah)

विनियोग: अस्य श्री मंगला गौरि मन्त्रस्य अजऋषिः गायत्री छन्दः श्री मंगलागौरि देवता ह्रीं बीजं स्वाहा शक्तिः ममाभीष्टं सिद्धये जपे विनियोगः।

ऋष्यादि न्यास – अजाय ऋषये नमः,शिरसि। – गायत्री छन्दसे नमः, मुखे। – मंगला गौरि देवतायै नमः, हृदि। – ह्रीं बीजाय नमः, गुह्ये। -स्वाहा शक्तये नमः, पादयोः।

करन्यास – अंगुष्ठाभ्यां नमः। ह्रीं तर्जनीभ्यां नमः। मंगले गौरि मध्यमाभ्यां नमः। विवाहबाधां अनामिकाभ्यां नमः। नाशय कनिष्ठिकाभ्यां नमः। स्वाहा करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः।

अंगन्यास – हृदयाय नमः। ह्रीं शिरसे स्वाहा। मंगले गौरि शिखायै वषट्। विवाह बाधां कवचाय हुम्। नाशय नेत्रत्रयाय वौषट्। स्वाहा अस्त्राय फट्।

ध्यान: गीर्वाणसंधार्चितपाद पंकजारूण् प्रभा बाल शशांक शेखरा। रक्ताम्बरा लेपन पुष्पयुंग मुदे सृणिं सपाशं दधतीं शिवास्तु नः।।

👉 पूजन यंत्र अनुष्ठान विधि: नित्य कर्मों से निवृत्त होकर आचमन एवं मार्जन कर चैकी या पटरे पर पीला कपड़ा बिछाकर उस पर अष्ट गंध एवं चमेली की कलम से भोजपत्र पर लिखित श्री मंगला गौरी पूजन यंत्र स्थापित कर विधिवत विनियोग, न्यास एवं ध्यान कर पंचोपचार (रोली, चावल, फूल, धूप एवं दीप) से उस पर श्री मंगला गौरी का पूजन कर उक्त माँ मंगला गौरी मंत्र का जप करना चाहिए।

👉 माँ मंगला गौरी मंत्र जप संख्या 64,000, मतांतर से 1,25,000 अनुष्ठान के नियम नित्य कर्मों के बाद आसन पर पूर्वाभिमुख या उत्तराभिमुख बैठकर चंदन/टीका लगाकर प्रसन्न भाव से अनुष्ठान करना चाहिए। विश्वासपूर्वक विनियोग, श्रद्धापूर्वक पूजन एवं मनोयोगपूर्वक जप करने से अनुष्ठान सफल होता है। सूर्योदय से एक प्रहर (तीन घंटे) का समय उत्तम तथा मध्याह्न का समय मध्यम होता है। रात्रि में यह अनुष्ठान नहीं करना चाहिए। अनुष्ठान के दिनों में शुद्ध, सात्विक मानसिक और शारीरिक रूप से होना चाहिए।

मंगला गौरी के शक्तिशाली मंत्र और उनके लाभ | Mangla Gauri Mantra Benefits (Labh)

✅ अविवाहित कन्याओं का शीघ्र व शुभ विवाह की कामना में विशेष रूप से सहायक रहता हैं।

✅ मंगला गौरी मंत्र का जाप करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम, सामंजस्य व अखंड सौभाग्य की वृद्धि होती हैं।

✅ पति की दीर्घायु के हेतु मंगला गौरी मंत्र का जाप किया जाता हैं।

✅ संतान-सुख की प्राप्ति एवं पारिवारिक समृद्धि की कामना के लिए मंगला गौरी मंत्र का नित्य जाप करना चाहिए।

✅ घर-परिवार से नकारात्मकता, बाधाएँ, भय एवं रोग का निवारण करने के लिए यह मंत्र काफी मददगार साबित होता हैं।

✅ जातक को मानसिक सुख एवं शांति, धैर्य और आत्मविश्वास में वृद्धि के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

✅ श्रावण मास में मंगलवार का व्रत रखते हुए इस मंगला गौरी मंत्र का जाप करने से जातक को विशेष पुण्य-फल मिलता हैं।

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