श्री गणपति वेदपादस्तवः | Ganapati Veda Pada Stavam Lyrics, PDF & Meaning श्री गणपति वेद पाद स्तव भगवान श्री गणेश जी को समर्पित हैं। श्री गणपति वेद पाद स्तव का पाठ भगवान श्री गणेश जी की पूजा अर्चना में किया जाता हैं। श्री गणपति वेद पाद स्तव आदि के बारे में बताने जा रहे हैं।
श्री गणपति वेदपादस्तवः (लिखित में) | Ganapati Veda Pada Stavam PDF Download in Sanskrit & Hindi
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श्रीकण्ठतनय श्रीश श्रीकर श्रीजलार्चित।
श्री विनायक सर्वेश श्रियं वासय मे कुले ॥१॥
गजानन गणाधीश द्विजराजविभूषित।
भजे त्वां सच्चिदानन्द ब्रह्मणां ब्रह्मणस्पते ॥२॥
गणाधीशाय नमते ऋणाटविकुठारिणे।
घृणापालितलोकाय वनानां पतये नमः॥३॥
धीप्रदाय नमस्तुभ्यं ईप्सितार्थप्रदायिने।
दीप्तभूषणभूषाय दिशां च पतये नमः ॥४॥
पञ्चब्रह्मस्वरूपाय पञ्चपातकहारिणे।
पञ्चतत्त्वात्मने तुभ्यं पशूनां पतये नमः ॥५॥
तटित्कोटिप्रतीकाश तनवे विश्वसाक्षिणे।
तपःस्वाध्यायिने तुभ्यं सेनानिभ्यश्च वो नमः ॥६॥
एकाक्षरस्वरूपाय एकदन्ताय वेधसे।
नैकरूपाय महते मुष्णतां पतये नमः ॥७॥
नगजावरपुत्राय खगराजार्चिताय च।
सुगुणाय नमस्तुभ्यं सुमृडीकाय मीढुषे॥८॥
महापातकसंघातैः महाऋणभयात्सदा।
त्वदीयकृपया देव सर्वानव यजामहे ॥९॥
नवरत्नमयीं मालां नवाक्षरसमन्वितां।
भक्त्या पठन्ति ये नित्यं तेषां तुष्येत्गणाधिपः॥१०॥
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