Sheetala Saptami Puja Vidhi 2025: इस तरह से शीतला सप्तमी की पूजा विधि करने से रोगनाश और समृद्धि प्राप्ति होगी

Sheetala Saptami Puja Vidhi 2025: इस तरह से शीतला सप्तमी की पूजा विधि करने से रोगनाश और समृद्धि प्राप्ति होगी हिंदू पंचांग के अनुसार शीतला सप्तमी दो विशेष समयावधि में मनाई जाती है। यह चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि और फिर दूसरी श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन मनाई जाती है। हम यंहा आपको शीतला सप्तमी पूजा कैसे की जाती हैं इसके बारे में बताने जा रहे हैं।

Sheetala Saptami Puja Vidhi 2025
Sheetala Saptami Puja Vidhi 2025

हमारे द्वारा बताये जा रहे शीतला सप्तमी की पूजा विधि को पढ़कर आप भी बहुत सरल विधिवत शीतला सप्तमी पूजा कर सकते हैं।

शीतला सप्तमी पूजा कब की जाती हैं?

हिंदू पंचांग के अनुसार शीतला सप्तमी दो विशेष समयावधि में मनाई जाती है। यह चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि और फिर दूसरी श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन मनाई जाती है।

शीतला सप्तमी पूजा 2025 में कब हैं?

इस साल 2025 में शीतला सप्तमी मार्च महीने में 21 तारीख़ वार शुक्रवार के दिन मनाई जायेगी।

शीतला सप्तमी पूजा विधि

  • शीतला सप्तमी वाले दिन घर में ताजा भोजन नहीं तैयार किया जाता है।
  • शीतला सप्तमी के एक दिन पहले आप अपने घर पर मीठा भात, पुए, पकौड़े, रबड़ी, बाजरे की रोटी और पूड़ी सब्जी आदि बनाए जाते हैं।
  • भोजन तैयार करने के बाद रात में रसोईघर की सफाई करके पूजा करें।
  • रोली, मौली, पुष्प, वस्त्र आदि अर्पित कर पूजा करें। इस पूजा के बाद चूल्हा नहीं जलाया जाता।
  • इस दिन व्यक्ति को सुबह जल्दी जगकर नित्य कर्म से निवृत होकर स्नान आदि करके साफ़ वस्त्र धारण करके शीतला सप्तमी पूजा की जाती है।
  • इसके बाद आप देवी शीतला के मंदिर में या अपने घर के पूजा स्थल पर माँ शीतला देवी की प्रतिमा के सामने रखकर पूजा करें। धुप और दीप जलाए।
  • उसके बाद शीतला माता व्रत कथा पढ़ते या सुनते हैं।
  • उसके बाद माँ शीतला देवी जी को गुड़ और चावल का बने पकवान का भोग लगाये। परन्तु यह विशेष ध्यान रखे की यह भोग आप एक दिन पहले बना ले ।
  • उसके बाद आप शीतला माता मंत्र का जाप करें। उसके बाद शीतला माता चालीसा और आरती करके पूजा समापन करें।
  • शीतला सप्तमी पूजा विधि करने के बाद गुड़ और चावल या भोग लगाई गई सामग्री का वितरण करें।

शीतला सप्तमी पूजा मंत्र

”ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः”

शीतला सप्तमी पूजा के लाभ

हिन्दू मान्यता अनुसार कहा जाता है कि शीतला सप्तमी पूजा करने से व्यक्ति दैहिक तापों ज्वर (तेज़ बुखार), राज्यक्ष्मा, संक्रमण और अन्य विषाणुओं आदि के दुष्प्रभावों से मुक्ति दिलाती हैं। साथ ही शीतला माँ की साधना से शीतला ज्वर, चेचक, कुष्ठ, रोग, दाहज्वर, पीतज्वर, फोड़े और कई तरह के चर्मरोगों आदि से छुटकारा मिलता है।

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